01/01/2011 11:55
विगत 12 दिसंबर को भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण (आईआरडीए) ने 2009-10 के लिए जो वार्षिक रपट जारी की है, उसकी कई जानकारियां चौंकाने वाली हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान जीवन बीमा की निजी कंपनियों ने हालांकि 19.7 प्रतिशत की दर से नए व्यवसाय में वृद्धि की, लेकिन इनकी पहले से जारी की गई पॉलिसियां भारी संख्या में रद्द हो गईं अथवा जब्त कर ली गईं। आंकड़े बताते हैं कि 2009-10 में लगभग 123 लाख जीवन बीमा पॉलिसियां रद्द अथवा जब्त की गईं! कई निजी कंपनियों द्वारा रद्द अथवा जब्त हुई पॉलिसियों का अनुपात...