दोहरे मापदंड की राजनीति और ढोंग करती रही है कांग्रेस'--प्रेम कुमार धूमल

दोहरे मापदंड की राजनीति और ढोंग करती रही है कांग्रेस'--प्रेम कुमार धूमल

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भूमि अधिग्रहण बिल पर विरोध के लिए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। कहा कि कांग्रेस ने हमेशा दोहरे मापदंड की राजनीति की है। दिखावे के तौर पर किसान हितैषी राजनीति का ढोंग करने वाली कांग्रेस ने सबसे ज्यादा नुकसान कृषि और किसान का ही किया है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज प्रदेश में ऐसी रजवाड़ाशाही सरकार है, जो किसानों की घोर विरोधी है।

कहा कि प्रदेश सरकार के दोहरे चरित्र और किसान विरोधी होने का इससे अधिक क्या प्रमाण हो सकता है कि एक तरफ तो कांग्रेस पार्टी भूमि अधिग्रहण बिल में किए गए सुधारों का विरोध कर रही है, दूसरी ओर कांग्रेस सरकार अधिसूचना जारी कर यह कहती है कि प्रदेश में होने वाले किसी भूमि अधिग्रहण की बदले में प्रभावित परिवारों को केवल दोगुना मुआवजा ही दिया जाएगा।

अधिसूचना के जारी होने के पश्चात कांग्रेस सरकार का किसान विरोधी चेहरा जनता के समक्ष स्पष्ट उजागर हो गया है। राष्ट्रीय उच्च मार्ग के निर्माण को भूमि अधिग्रहण का कार्य चल रहा है। प्रभावित परिवारों को मुआवजा केंद्र सरकार से मिलेगा। केंद्र किसानों को बाजार भाव से चार गुना कीमत और एक व्यक्ति को रोजगार देने के लिए संकल्पित है।

बावजूद इसके प्रदेश कांग्रेस सरकार फैक्टर 1 अर्थात दो गुना मुआवजा देने की अधिसूचना जारी कर रही है। सारा धन केंद्र से आएगा। प्रदेश सरकार को अपनी जेब से फूटी कौड़ी भी नहीं देनी पड़ेगी। किसानों की जमीनों पर राजनीति करने वाली कांग्रेस का किसानों के साथ इससे बड़ा धोखा और क्या हो सकता है? कहा कि किसान और जनता के साथ किए गए इस अन्याय को भाजपा सहन नहीं करेगी। प्रदेश कांग्रेस सरकार तुरंत इस अधिसूचना को वापस ले। अन्यथा भाजपा बड़ा आंदोलन करने से गुरेज नहीं करेगी।


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गुर्जर आंदोलन: चार बिन्दुओं पर नहीं बनी सहमति

03/01/2011 19:58
 जयपुर/पीलूपुरा। गुर्जर आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों व राज्य सरकार के बीच आज एक बार फिर वार्ता का दौर चला। सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच दोपहर बाद शुरू हुई बैठक बेनतीजा खत्म हो गई है। एक ओर सरकार इसे सकारात्मक बता रही है वहीं दूसरी ओर गुर्जर प्रतिनिधियों ने वार्ता को पूरी तरह से विफल करार दिया। सूत्रों की मानें तो दोनों पक्षों के बीच अभी भी चार बिन्दुओं पर असहमति कायम है। प्रतिनिधिमंडल पांच फीसदी आरक्षण की मांग पर अडिग है लेकिन सरकार का कहना है कि सर्वे के बाद ही इस मुद्दे पर...

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