भारत ने विश्व की सबसे शक्तिशाली संस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में कार्यभार सोमवार को संभाल लिया। वह इस वर्ष अगस्त में तथा अगले वर्ष 2012 में इसका अध्यक्ष भी बन जाएगा। पदभार संभालने के बाद संरा में भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत इस संस्था में सेवा करने के लिए तत्पर है। अंतरराष्ट्रीय मामलों खासकर मानवाधिकारों के क्षेत्र में भारत नई रोशनी डालने का प्रयास करेगा। भारत एक जनवरी को इस संस्था का अस्थाई सदस्य बन गया था। सुरक्षा परिषद के नियमों के अनुसार अध्यक्ष पद रोटेशन के आधार पर तय किया जाता है। वर्तमान में इसका अध्यक्ष बोस्निया हर्जेगोविना है। फिर ब्राजील और जर्मनी का नंबर है। इसके बाद भारत को सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष पद मिलेगा।
अगस्त में संभालेगा ताकतवर संस्था के अध्यक्ष का पद
भारत के बाद लेबनान को अध्यक्षता सौंपी जाएगी। सुरक्षा परिषद अध्यक्षता का निर्धारण अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षरों के अनुसार ही तय करता है। इसके हिसाब से इस पांच स्थायी और दस अस्थायी सदस्यों वाली परिषद की अध्यक्षता भारत के हिस्से में अगस्त महीने और दोबारा अगले साल 2012 के नवंबर महीने में आएगी। भारत और अस्थायी सदस्यों का इस परिषद में कार्यकाल केवल दो वर्षों का है। इन सदस्यों के पास वीटो की शक्ति नहीं होती। यह ताकत केवल स्थायी सदस्यों के पास ही होती है। इससे पहले जून 1950 में भारत सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बना था। तब यह कार्यभार संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत सर बेनेगल नरसिंह राउ ने संभाला था और उन्होंने दोबारा मार्च 1951 में भी यही पद संभाला था।
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