भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को आरोप लगाया कि अगर प्रधानमंत्री ने वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी को विश्वास में लिए बगैर संसद की लोकलेखा समिति (पीएसी) के सामने उपस्थित होने की पेशकश की है तो उनका यह दावा बेमानी है कि टू जी स्पैक्ट्रम घोटाले की जांच प्रमाणिक होगी। भाजपा के महासचिव रविशंकर प्रसाद ने मुखर्जी के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह बात कही। मुखर्जी ने कहा था कि अगर उनसे पूछा गया होता तो वह प्रधानमंत्री को पीएसी के सामने उपस्थित होने की सलाह नहीं देते। प्रसाद ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने सबसे वरिष्ठ मंत्री प्रणब मुखर्जी को विश्वास में लिए बिना पीएसी के सामने उपस्थित होने की पेशकश की है तो उनका यह दावा करना कि टूजी स्पैक्ट्रम घोटाले की जांच प्रमाणिक होगी, अपने आप में बेमानी साबित होगी।
कांग्रेस को स्थिति साफ करनी चाहिए
प्रसाद ने कहा कि आजादी के बाद के इस सबसे बड़े घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच में देरी से बार-बार यह संकेत जा रहा है कि मनमोहन सरकार कुछ छिपाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार जितना विलंब करेगी देश की जनता के सामने उसका चेहरा उतना ही बेनकाब होगा। भाकपा ने कहा कि कांग्रेस को इस मामले में अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एआईसीसी की बैठक में इसकी घोषणा की थी। ऐसे में क्या यह पार्टी का रुख था या प्रधानमंत्री अलग रुख अख्तियार कर रहे हैं। उन्हें इस मामले में स्थिति साफ करनी चाहिए
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